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सोमवार, 17 फ़रवरी 2014

Essay for Civil Services in Hindi on "हमारे देश की निर्वाचन प्रक्रिया की समस्याएं"


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निम्न में एक लेख जो कि "हमारे देश की निर्वाचन प्रक्रिया की समस्याएं" पर आधारित है।
मन लगा के पढ़े और जो बात अच्छी लगे उसे अलग से Notebook में लिखें।


                  निबन्ध
भ्रष्टाचार , अपराधिकरण , जातिवाद और साम्प्रदायिकता।  धनबल , बाहुबल  और माफियाबल ने  हमारी राजनीति को दूषित कर रखा है। संविधान के कार्यकरण कि समीक्षा के लिए राष्ट्रीय आयोग  ने निर्वाचन विधियों तथा प्रक्रियाओं के क्षेत्र में निम्न समस्याएँ निर्धारित की है -

  • निर्वाचन का बढ़ता हुआ खर्च।  इसने अनेक  समस्याएँ पैदा कि है।  अनैतिक और अवैध प्रथाओ का विकास हुआ है। माफिया की शक्ति बढ़ी है।  भ्रष्टाचार , काले धन और अपराधीकरण ने राजनीति की काया में जहर घोल दिया है।

  • पंचायतों के स्तर तक प्रत्यक्ष रीति से निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए मतदाता , निर्वाचक एक ही है। ये मतदाता अपने प्रतिनिधियो से सभी तरह के कामो की उम्मीद करते है। उदाहरण के लिए वे संघीय संसद के सदस्यों से भी यह उम्मीद रखते हैं कि स्थानीय समस्याओ को सुलझायें।

  • निर्वाचकों का उम्मेदवारों के चुनाव में कोई हाथ नहीं होता।  अधिकांश उम्मीदवार कुल डाले गए मतों के आधे से भी कम मतों से निर्वाचित होते है। इस स्थिति में प्रतिनिधियो का प्रतिनिधिक स्वरुप संदेहास्पद हो जाता है। निर्वाचनों में अनेक राजनितिक दलों और उम्मीदवारो विशेषकर निर्दलीय उम्मीदवारो की उपस्थिति ने स्थिति  को विषम बना दिया है।

  • दल -बदल और दसवीं अनुसूची का प्रश्न

  • निर्वाचक नामावलियो तथा मतदातायों के पहचान पत्रो में गलतियां रह जाती है। इससे मतदान में बेईमानी होती है और बहुत से नागरिक मतदान के अधिकार का प्रयोग नहीं कर पाते।

  • मतदान में हिंसा।  मतदातायो को डराना -धमकाना। बहुत से मतदाताओ के  के कारण मतदान में भाग लेना। सरकारी अफसरों और स्थानीय प्रशासन का निर्वाचनों में हस्तक्षेप जिससे निर्वाचन प्रक्रिया में अनेक विकृतियां गई है।

  • मतगणना में जान -बूझ कर गलतियाँ करना।

  • निर्वाचन प्रक्रिया का अपराधीकरण। बहुत से अपराधी तत्वों का निर्वाचन में भाग लेना। 
  • विभाजनकारी तत्वों का बढ़ता हुआ महत्व।  विचारधाराओं को तिलांजलि। धर्म और जाति के नाम पर मतदाताओं  को प्रभावित करना। 
  • न्यायपालिका द्वारा निर्वाचन याचिकाओं को निपटाने में देरी.

  • नकली उम्मीदवार।  वे निर्वाचनों में गम्भीरता से भाग नहीं लेते है और अनेक व्यावहारिक कठिनाइयां पैदा कर निर्वाचन प्रक्रिया को बिगाड़ देते है।

  • निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन में असंगतियां जिसके कारण प्रतिनिधित्व पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता।

  • राजनितिक नैतिकता के मानकों में गिरावट जाने और सार्वजनिक जीवन में सेवा तथा त्याग की भावना के कम हो जाने के कारण व्यवस्था की वैधता के प्रति विश्वास भंग।
Thanks for reading..
Chapter will be continue...... for the solution.
Keep Visiting.

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